भारत अब कारोबार के नजरिए से दुनियाभर में अपनी एक अलग जगह बना रहा है. यही वजह है कि विदेशी निवेशकों के बीच भारतीय बाजार का आकर्षण बढ़ा है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसी संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि चार यूरोपीय देशों के ब्लॉक यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (EFTA) और इजरायल के निवेशकों का एक बड़ा दल कारोबार के अवसरों की तलाश के लिए अगले सप्ताह भारत आ रहा है.
आपको बता दें, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य आइसलैंड, लीश्टेंसटाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. ईएफटीए सदस्य देशों के 100 से अधिक निवेशकों की भारत यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने 10 मार्च, 2024 को भारत के साथ व्यापार व आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर किए हैं.
मिलेगा 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश
भारत को समझौते के तहत समूह से 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है, जबकि स्विट्जरलैंड की घड़ियों, चॉकलेट और कटे व पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई प्रोडक्ट्स तक कम या शून्य शुल्क तक पहुंच है. समझौते के इस वर्ष के अंत तक लागू होने की उम्मीद है. गोयल ने कहा कि ईएफटीए के प्रतिनिधि 100 से अधिक निवेशकों के साथ आ रहे हैं. इजरायल से 200 से अधिक निवेशकों के आने की उम्मीद है. उनकी तीन दिवसीय यात्रा 10 फरवरी से शुरू होगी.
‘बड़ी कंपनियां आ रही हैं’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘बड़ी कंपनियां आ रही हैं. प्रौद्योगिकी और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित करने में रुचि रखने वाले लोग आ रहे हैं.’ ईएफटीए ब्लॉक ने 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जाहिर की है. समझौते के लागू होने के बाद 10 साल के भीतर 50 अरब अमेरिकी डॉलर और इसके अगले पांच साल में 50 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा, जिससे भारत में एक करोड़ डायरेक्ट रोजगार के अवसर खुलेंगे.
EFTA यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं
भारत ने पहली बार किसी किसी व्यापार समझौते में ऐसी शर्तों पर सहमति व्यक्त की है. ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं. यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और उसे बढ़ाने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है. इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे. भारत 27 देशों के समूह ईयू के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर अलग से बातचीत कर रहा है.
भारत-ईएफटीए का द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में करीब 24 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 2022-23 में यह 18.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था. स्विटजरलैंड, भारत में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार व निवेशक है. इसके बाद नॉर्वे का स्थान आता है. अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 के दौरान भारत को स्विटजरलैंड से 10.72 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला था. दूसरी ओर, भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 10.77 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 6.53 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है.